खेल मैदान के साथ एक मिनी खेल स्टेडियम भी बनाया जाएगा। इस संबंध में सरकार ने आदेश जारी किया है।
हर गांव पंचायत में कम से कम एक खेल मैदान होगा। साथ ही मिनी खेल स्टेडियम भी बनाया जाएगा। इस संबंध में सरकार ने आदेश जारी किया है। प्रत्येक खेल मैदान को बनाने के लिए 42 लाख 50 हजार रुपये मिलेंगे। भूमि के कटान, समतलीकरण, भरान और रिटेनिंग वॉल के निर्माण के लिए जिलाधिकारी ने 12.50 लाख रुपये की सीमा निर्धारित की है। वहीं खेल उपकरणों के लिए पांच लाख रुपये मिलेंगे। खेल मैदान में कई खेल खेले जाएंगे, जैसे दौड़, लंबी कूद और ऊंची कूद, थ्रो पर आधारित खेल, खो-खो, कबड्डी, वालीबाल, फुटबाल, बास्केटबाल, पुशअप, चिनअप, ताइक्वांडो और बाक्सिंग। खेल प्रशिक्षक विभाग द्वारा निर्धारित मानदेय के आधार पर प्रशिक्षक तैनात किया जाएगा।
जमीनें कैसे दी जाएंगी? शासनादेश के अनुसार, खेल मैदान की जमीन निजी दानदाताओं, ग्राम समाजों, नजूलों या राज्य सरकार के स्वामित्व वाली जमीन से युवा कल्याण विभाग के नाम पर संबंधित जिलाधिकारी को दी जाएगी। खेल विभाग निजी दानदाताओं से भूमि की रजिस्ट्री करेगा।
वहीं, किसी शासकीय विभाग, प्राधिकरण, राजकीय, शासकीय सहायता प्राप्त संस्थान, स्कूल, माध्यमिक विद्यालय या महाविद्यालय की जमीन पर खेल मैदान का निर्माण प्रस्तावित किया जाएगा, जिसमें संबंधित संस्था का अनापत्ति प्रमाणपत्र होगा। युवा कल्याण विभाग को अतिरिक्त जमीन मिलने पर खेल मैदान का निर्माण प्रस्तावित किया जाएगा। इस संबंध में, अमित कुमार सिन्हा, विशेष प्रमुख सचिव खेल, ने निदेशक युवा कल्याण और प्रांतीय रक्षक दल को पत्र लिखा है।
मिनी स्टेडियम का निर्माण 70 लाख रुपये में होगा। इसमें उपकरणों की खरीद के लिए धन भी सुरक्षित है। वहीं, मिनी स्टेडियम में अलग-अलग खेलों का प्रशिक्षण करने के लिए कम से कम एक खेल प्रशिक्षक विभाग होगा। मिनी स्टेडियम में आवश्यकतानुसार खेल विभाग से अस्थायी खेल प्रशिक्षक भी नियुक्त किए जा सकते हैं। Minnie Stadium के रखरखाव का मुख्य जिम्मा इस स्टेडियम में नियुक्त खेल प्रशिक्षक पर होगा। प्रत्येक वर्ष, जिला योजना 10 हजार खेल उपकरणों और टूट-फूट देगा।
खेल मैदान और मिनी स्टेडियम का निर्माण पूर्व में शासन स्तर पर किया गया था। इसके लिए अब शासनादेश जारी किया गया है। इससे राज्य के खेल खिलाड़ियों को बढ़ावा मिलेगा।