परिवहन निगम 20 साल में पहली बार घाटे से उबरकर 56 करोड़ रुपये के मुनाफे में पहुंच गया

उत्तराखंड दिल्ली देहरादून/मसूरी

परिवहन निगम, जो लगातार घाटे में था, की मुख्यमंत्री धामी ने खुद समीक्षा की और सुधार की जिम्मेदारी ली। इससे निगम ने 2022 में सभी खर्चों को पूरा करके 520 करोड़ का घाटा और रिकॉर्ड 29 करोड़ का मुनाफा कमाया।

परिवहन निगम ने पिछले दो दशक में पहली बार 56 करोड़ रुपये के मुनाफे में पहुंच गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे अच्छे शासन का उदाहरण बताया है। रोडवेज बस सेवा में अब बड़ा बदलाव होगा, न सिर्फ शहरी क्षेत्रों में बल्कि पहाड़ी इलाकों में भी।

2003 में, राज्य की स्थापना के लगभग तीन साल बाद, उत्तराखंड परिवहन निगम बन गया। इस दौरान यूपी से रोडवेज में नई-पुरानी करीब 957 बसें आईं। परिवहन निगम लगातार घाटे में चला गया क्योंकि उसमें खटारा बसें, खराब सड़कें, खराब प्रबंधन और यूपी की देनदारी थी। कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलता था।

मार्च 2020 से 2021 के दौरान कोरोना वायरस ने कम्पनी को खत्म कर दिया। 2020 से पहले घाटा 250 करोड़ था, लेकिन 2022 तक सीधे 520 करोड़ हो गया। इस समय, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार की अगुवाई की। मुख्यमंत्री धामी ने खुद इसकी समीक्षा की और सुधार करने का फैसला किया। नतीजतन, 2022 में कम्पनी ने सभी खर्चों को पूरा करके 520 करोड़ का घाटा और रिकॉर्ड 29 करोड़ का मुनाफा कमाया।

कुल मिलाकर, सभी खर्चों की पूर्ति के बाद, निगम का मुनाफा रिकॉर्ड 56 करोड़ रुपये हो गया है, सीएनजी बसों को पहाड़ों और ग्रामीण मार्गों पर संचालन के लिए खरीदने की योजना। वर्तमान में निगम के पास 1,350 बसें हैं। खासकर दिल्ली रूट पर 151 सीएनजी बसें चल रही हैं। 200 सीएनजी बसों को मैदानी और पहाड़ी मार्गों पर चलाने की योजना है, और 130 बसों को पहाड़ी मार्गों पर खरीदने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

प्रदेश में चार आईएसबीटी (हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी और काठगोदाम) प्रस्तावित हैं। पांच वर्कशॉप श्रीनगर, कोटद्वार, रुड़की, रानीखेत और काशीपुर में प्रस्तावित हैं।

राज्य में परिवहन निगम पहली बार घाटे से उभरा है। निगम ने पिछले दो साल से मुनाफा कमाया है। इससे कर्मचारियों के वेतन और सेवाओं में सुधार और व्यवस्थाओं को मजबूत करने में मदद मिल रही है। अब नए मार्गों और नई बसों को भी शुरू किया जाएगा।

पहले दिन से ही सरकार अच्छे प्रशासन पर काम कर रही है। 20 वर्षों में परिवहन निगम घाटे से गुजरा है। यह अच्छे शासन का बड़ा उदाहरण है। आम लोग परिवहन निगम में शामिल हैं। आम जनता की सुविधाओं को देखते हुए सरकार इसमें सुधार कर रही है। -उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

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