अक्तूबर 2022 में दरोगा भर्ती धांधली मामले में मुकदमा दर्ज कर विजिलेंस जांच कर रही थी। इस दौरान 20 दरोगा निलंबित किए गए। जिन दरोगाओं पर धांधली का कोई साक्ष्य नहीं मिला, उनमें से कुछ पर कार्रवाई होगी।
दरोगा भर्ती में धांधली की जांच विजिलेंस ने पूरी की है और शासन को सौंप दी है। विजिलेंस को कई दरोगाओं के खिलाफ धन देकर भर्ती होने के साक्ष्य नहीं मिले हैं, हालांकि कई दरोगाओं पर आरोप साबित हुए हैं। 20 दरोगा पिछले साल जनवरी से छुट्टी पर हैं। अब सरकार ही इन उपायों का भविष्य तय करेगी। बताया जा रहा है कि जल्द ही सतर्कता समिति की बैठक में इन अपराधों के खिलाफ मुकदमा या अन्य कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।
गौरतलब है कि एसटीएफ ने यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा में धांधली की जांच मई 2022 में शुरू की थी। कई आरोपियों और नकल माफियाओं को भी इस जांच में गिरफ्तार किया गया। इस बीच, कुछ और भर्ती में धांधली की शिकायतें सामने आईं। 2015 में दरोगा सीधी भर्ती परीक्षा में भी व्यापक धांधली का पता चला।
पंत नगर विश्वविद्यालय ने इस परीक्षा को आयोजित किया था। पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के बाद मामला विजिलेंस को भेजा गया। विजिलेंस ने आठ अक्तूबर 2022 को हल्द्वानी क्षेत्र में नकल माफिया समेत आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
परिवार की संपत्ति गिरवी रखने और माफिया को धन देने के बाद से इस मामले की जांच शुरू हुई है। जनवरी 2023 में पुलिस मुख्यालय ने 20 दरोगाओं को शक के आधार पर निलंबित कर दिया था। साथ ही, दरोगाओं और उनके परिजनों की संपत्ति भी जांची गई। यह पता चला कि कुछ दरोगा अपने परिवार की संपत्ति गिरवी रखकर माफिया को पैसे देते थे।
उस समय ये सभी आरोप थे। माना जाता है कि विजिलेंस को इनमें से कुछ दरोगाओं के खिलाफ ऐसे साक्ष्य भी मिले हैं; हालांकि, इस मामले में बहुत से दरोगा बेवजह नामित किए गए हैं। वह अपने स्तर पर परीक्षा उत्तीर्ण कर लिया था। अब विजिलेंस ने पूरे मामले की जांच करके शासन को रिपोर्ट भेजी है।
33 प्रतिशत दरोगा नाकाबिल बताए गए
जांच की शुरुआत में संदेह था कि कुल भर्ती दरोगाओं में से कम से कम ३३ प्रतिशत अयोग्य हैं। ज्यादातर लोगों को केस डायरी लिखना नहीं आता। वह इन सभी कामों में भी दूसरों का सहारा लेता है। 2015 में 339 दरोगा सीधी भर्ती से भर्ती हुए थे।
विजिलेंस अपनी जांच समाप्त कर चुका है। परीक्षण रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। अब इस पर अगली कार्रवाई शासन स्तर पर ही होगी। शासन को जांच में मिले तथ्यों से अवगत कराया गया है। इस पर जल्द ही निर्णय लिया जा सकता है। – डॉ. वी. मुरुगेशन, विजिलेंस विभाग के निदेशक