बीते वर्ष की बरसात के चार महीने के बाद बृहस्पतिवार को चोपता में इस सीजन की पहली अच्छी बर्फबारी हुई।
सीजन की पहली बर्फबारी से चोपता, मिनी स्विटजरलैंड के नाम से जाना जाता है, फिर से जीवंत हो गया है। दो दिनों में यहां लगभग 2,000 यात्रियों ने पहुंच लिया है। 11 फरवरी तक होटल, लॉज, हट्स एवं टेंट मालिकों को बुकिंग मिल चुकी है। कार्तिक स्वामी, घिमतोली में भी पर्यटक बर्फबारी का आनंद लेने आते हैं।
बीते वर्ष की बरसात के चार महीने के बाद बृहस्पतिवार को चोपता में इस सीजन की पहली अच्छी बर्फबारी हुई। मक्कूबैंड से चोपता तक डेढ़ से दो फीट बर्फ गिरी। ऐसे में प्रकृति ने चारों ओर सफेद चादर ओढ़ ली थी, जिससे यहां की छठा स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। बर्फबारी के दौरान ही यहां पर्यटक आने लगे।
देर शाम तक यहां हजार लोग आ चुके थे। शुक्रवार को दिनभर तेज धूप से बर्फ पिघलती रही, लेकिन पूरा क्षेत्र अभी भी बर्फ से ढक गया है। यहां भी बर्फबारी के बाद कारोबारियों के चेहरों पर रौनक आई है।
शीतकाल में पूरे क्षेत्र में सन्नाटा पसरा रहा। हाल ही में दिसंबर और जनवरी में कुछ हल्की बर्फबारी हुई, जो धूप से पिघल गई, लेकिन अब भारी बर्फबारी हुई है, जिससे पूरे क्षेत्र में रौनक लौट आई है। इससे भी कारोबार बढ़ा है। 11 फरवरी तक की बुकिंग प्राप्त हुई है। -मुकुल मैठाणी, फ्यूंली कैंप बनियाकुंड का संचालक
शीतकाल में बर्फबारी नहीं होने से कारोबार चौपट हो गया था, लेकिन अब बर्फबारी होने पर सैलानी यहां आने लगे हैं। अगर आने वाले दिनों में बर्फ भी होगी, तो कारोबार भी चलेगा।
तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होते ही कारोबार भी थम गया। हालाँकि मौसम की मार से बची उम्मीदें खत्म हो गईं, अब क्षेत्र में अच्छी बर्फबारी हुई है, जिससे पर्यटक भी यहां आने लगे हैं। अब स्थानीय व्यापारियों को भी प्रकृति का वरदान मिलेगा।