महिलाओं में स्तन कैंसर और बच्चेदानी के मुंह का कैंसर बढ़ रहे हैं। एम्स ऑन्कोलॉजी विभाग के डा. दीपक सुंद्रियाल ने बताया कि पुरुषों में मुंह का कैंसर अधिक होता है।
रोजाना एम्स ऋषिकेश में 30 से 40 नए कैंसर के मरीज आते हैं। जिनमें पांच से छह महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित हैं और तीन से चार महिलाएं बच्चेदानी के मुंह के कैंसर से पीड़ित हैं। एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि पाश्चात्य संस्कृति की ओर रुझान और जागरुकता की कमी महिलाओं में स्तन कैंसर का सबसे बड़ा कारण है।
स्तन कैंसर का सबसे आम कारण देर से शादी करना, देर से गर्भधारण करना और स्तनपान न करना है। वहीं स्तन कैंसर की जागरुकता और जानकारी की कमी के कारण यह बीमारी लगातार बढ़ रही है। 2020 में भारत में 2 लाख लोगों में स्तन कैंसर था। जो 2025 तक 2 लाख 32 हजार होने की उम्मीद है। वहीं 75 हजार बच्चेदानी के मुंह का कैंसर था, जो 2025 तक 85 हजार होने की आशंका है। राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री, बंगलूरू के नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इनफोरमेटिक एंड रिसर्च ने यह डेटा तैयार किया है।
जैसा कि एम्स गायनी विभाग की कैंसर विशेषज्ञ प्रो. शालिनी राजाराम ने बताया, बच्चेदानी के मुंह के कैंसर के कोई प्रारंभिक लक्षण नहीं होते। मरीज एडवांस स्टेज पर है जब लक्षण दिखाई देते हैं। इस कैंसर से बचाव के लिए स्क्रीनिंग और टीकाकरण की आवश्यकता होती है। 30 वर्ष की उम्र पार करने के बाद हर महिला को नियमित रूप से स्क्रीनिंग करानी चाहिए। नौ से चौदह वर्ष की आयु तक भी टीकाकरण कराना चाहिए। यह उम्र टीकाकरण के लिए सर्वश्रेष्ठ है। लेकिन २६ साल की उम्र तक टीकाकरण कराया जा सकता है।
बताया कि बच्चेदानी के मुंह के कैंसर से बचाव के लिए टीका उपलब्ध है। ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) बच्चेदानी के मुंह का कैंसर का सबसे आम कारण है। इससे कोशिकाओं में परिवर्तन होते हैं, जो जननांगों पर मस्से, प्रीकैंसर या गर्भाशय ग्रीवा, योनि, वल्वा या गुदा के कैंसर का कारण बन सकते हैं।
AIMS में गायनी विभाग में हर रोज स्क्रीनिंग होती है, प्रो. शालिनी ने बताया। एम्स में यह सुविधा पिछले वर्ष अगस्त से शुरू हुई थी। अगस्त से दिसंबर तक 600 महिलाओं को देखा गया है। जिसमें लगभग 5% महिलाओं में बच्चेदानी के मुंह का प्री कैंसर पाया गया था। जिन लोगों का एम्स में इलाज चल रहा है
एम्स ऑन्कोलॉजी विभाग के डा. दीपक सुंद्रियाल ने बताया कि पुरुषों में मुंह का कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। मुंह के कैंसर के प्रतिदिन छह से सात मरीज एम्स में आते हैं। मुंह के कैंसर का सबसे बड़ा कारण गुटखा और तंबाकू जनित उत्पादों का सेवन है। तंबाकू उत्पादों का बहुत अधिक प्रयोग युवा और अधिकांश पुरुष कर रहे हैं। उनका कहना था कि एम्स के विभिन्न विभागों में हर दिन ३० से ४० कैंसर के मरीज आते हैं।