UCC विधेयक विधानसभा में पेश किया गया है। विपक्षी विधायकों के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बिल प्रस्तुत किया। विधायकों ने इस दौरान जय श्रीराम के नारे भी लगाए।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में राज्य विधानसभा में उत्तराखंड की समान नागरिक संहिता 2024 विधेयक प्रस्तुत किया। उत्तराखंड नागरिक संहिता 2024 विधेयक पेश होने पर विधायकों ने “वंदे मातरम और जय श्री राम” के नारे लगाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पटल पर रखा। इस दौरान विरोधी सांसद लगातार हंगामा करते रहे। विरोधी पक्ष ने भी प्रश्न उठाया।
हालाँकि, नागरिक संहिता का समान अध्ययन करने के लिए सदन की कार्रवाई दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई। राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का संशोधित विधेयक आज विधानसभा में भी पेश किया जाएगा। कार्यमंत्रणा समिति की बैठक ने निर्णय लिया कि सदन में सिर्फ यूसीसी पर चर्चा होगी।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कार्यमंत्रणा बैठक में निर्णय लिया कि इस दौरान प्रश्नकाल और कार्यस्थगन नहीं होगा। यूसीसी पर चर्चा और राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण पर सर्वोच्च समिति की रिपोर्ट पर चर्चा होगी। इससे नाराज कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कार्यमंत्रणा समिति से इस्तीफा दे दिया। विपक्ष ने यूसीसी पर चर्चा करने के लिए समय की मांग की।
उत्तराखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि हम यूसीसी बिल का विरोध नहीं कर रहे हैं। बल्कि हम चाहते हैं कि सदन नियमावली और संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार काम करे। जो उसके हिसाब से काम करता है। भाजपा इसे लगातार भुला रही है।
नियमों के खिलाफ सदन चलाने की शिकायत सहित प्रश्नकाल और कार्यस्थगन की कार्यवाही की जाएगी। कार्यमंत्रणा समिति से नाराज नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस विधायकों ने शाम को राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) से प्रदेश सरकार के नियमों के खिलाफ सदन चलाने की शिकायत की।
वहीं, सोमवार को विधानसभा सत्र के पहले दिन सदन में छह वर्तमान और पूर्व विधायकों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। वर्तमान विधानसभा में बसपा के विधायक मंगलौर से शरबत करीम अंसारी, पूर्व विधायक मोहन सिंह रावत गांववासी, पूरन चंद शर्मा, कुंवर नरेंद्र सिंह, किशन सिंह तड़ागी और धनीराम सिंह नेगी को सदन में याद करते हुए सभी विधायकों ने संस्मरणों को साझा किया।
यूसीसी के अंतहीन इंतजार: यूसीसी की प्रतीक्षा उत्तराखंड में ही नहीं देश भर में होती है। उत्तराखंड के लिए यह युग है। हम पूरे देश की दृष्टि में हैं। मातृशक्ति को बढ़ावा देने के लिए सभी दलों के सदस्यों को सकारात्मक चर्चा में भाग लेना चाहिए। जनता से किया गया वादा सरकार पूरा करने जा रही है। उत्तराखंड ने लंबे समय से इस मौके की जरूरत महसूस की है, जो उसे सौभाग्य से मिल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
कार्यमंत्रणा की बैठक ने फैसला किया कि यूसीसी विधेयक और राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण पर वरिष्ठ समिति की रिपोर्ट को छह फरवरी को पटल पर रखा जाएगा। सदन में यूएससीआई पर व्यापक चर्चा होगी। इसलिए कोई प्रश्नकाल या कार्यस्थगन नहीं होगा। हम सभी को यूसीसी पर गर्व होना चाहिए कि उसने देश में ऐसा कानून बनाया है।
–ऋतु खंडूड़ी भूषण, विधायक
सदन की कार्यसूची कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में निर्धारित की जाती है।प्रदेश सरकार ने प्रचंड बहुमत के बावजूद विपक्ष का पूरा सम्मान किया है। विपक्ष न तो यूसीसी की चर्चा चाहता है और न ही उसे उत्तराखंड में लागू करना चाहता है। – संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल
सरकार सदन चलाने में कार्य संचालन नियमों की अवहेलना कर रही है और इसे विशेष सत्र बना रही है। विधायकों का अधिकार प्रश्नकाल और कार्यस्थगन न करना है। अपराह्न बाद विपक्ष ने कार्यमंत्रणा में यूसीसी विधेयक पेश कर सात फरवरी को चर्चा करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है। जिससे मैं और प्रीतम सिंह ने कार्यमंत्रणा समिति से इस्तीफा दे दिया है। – प्रतिपक्षी नेता यशपाल आर्य