हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने पर विवाद हुआ, जिसके बाद प्रशासन ने उपद्रवियों के पैर में गोली मारने का आदेश दिया, जिससे छह लोग मारे गए और शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया।
हल्द्वानी में हुई हिंसा ने सियासत गरमा दी है। विरोधी गठबंधन के नेताओं ने राज्यपाल को पत्र भेजा। उन्हें हल्द्वानी में हुई हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की। विपक्षी गठबंधन के नेता कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में राजभवन पहुंचे।
हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में मलिक के बगीचे में अवैध मदरसा और धर्मस्थल ढहाने गई पुलिस और प्रशासन की टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया। सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, रामनगर कोतवाल और 300 से अधिक निगमकर्मी और पुलिसकर्मी पथराव में घायल हुए।
उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाना भी ध्वस्त कर दिया। 70 से अधिक वाहन, जिसमें पुलिस की जीप, जेसीबी, दमकल की गाड़ी और दोपहिया वाहन शामिल थे, फूंक दिए गए। जब स्थिति नियंत्रण में नहीं आई, तो अधिकारी सबसे पहले मौके से भाग गए, चाहे आंसू गैस के गोले या लाठी चार्ज हों। पुलिस और निगम दल जैसे-तैसे वहां से चले गए। विरोध प्रदर्शन को देखते ही प्रशासन ने पैर में गोली मारने का आदेश दिया है। पिता-पुत्र सहित छह लोग गोली मारकर मारे गए।शहर में प्रतिबंध लगा दिया गया था।