चारधाम की यात्रा आसानी से होने का दावा, लेकिन धाम से लेकर यात्रा पड़ावों तक, तीर्थयात्रियों को जगह-जगह जाम में फंसा दिया

उत्तराखंड पर्यटक

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू हो गई है। इस बीच, श्रद्धालुओं को जाम लगता है। चारधाम की यात्रा आसानी से होने का दावा किया गया था। लेकिन धाम से लेकर यात्रा पड़ावों तक, तीर्थयात्रियों को जगह-जगह जाम में फंसा दिया गया था।

जबकि चारधाम यात्रा को आसान बताया जाता है, वास्तविकता इससे उलट है। तीर्थयात्रियों के लिए बदरीनाथ धाम तक पहुंचना कठिन है। तीर्थयात्रियों ने धाम से लेकर यात्रा पड़ावों तक हर जगह जाम में फंसे रहे।

बदरीनाथ धाम भक्तों की मंजिल है, लेकिन उससे पहले की राह इतनी कठिन है कि यात्रा पड़ावों से लेकर धाम तक उसकी परीक्षा लेती है। रविवार को धाम पहुंचने और वहां से लौटने वाले लोगों को कई स्थानों पर घंटों तक जाम से गुजरना पड़ा। दरअसल, यहाँ ऑलवेदर रोड परियोजना का काम चल रहा है।

हाईवे पर हिल कटिंग बंद है, लेकिन पुश्ता बनाने और सड़कों को सुधारने का काम अभी भी जारी है। परेशानी बदरीनाथ धाम तक चलती है, जो चमोली चाड़े से शुरू होता है। वास्तव में, धाम में मास्टर प्लान के तहत मुख्य बाजार में पत्थर बिछाने का काम चल रहा है, जिससे आवाजाही बहुत कठिन हो रही है। तीर्थयात्रियों को जाम खुलने के लिए घंटों अपने वाहनों में बैठकर इंतजार करना पड़ता है।

जौलीग्रांट (देहरादून) से केदारनाथ और बदरीनाथ के लिए नियमित हेली सेवा शुरू हुई है। बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर जौलीग्रांट से दोनों धामों केदारनाथ और बदरीनाथ के लिए नियमित हेलिकॉप्टर सेवा शुरू हो गई है। 10 मई से केदारनाथ के श्रद्धालुओं को ही हेलिकॉप्टर ले जाता था।

रविवार सुबह लगभग साढ़े छह बजे रुद्राक्ष एविएशन के हेलिकॉप्टर ने जौलीग्रांट से दो धामों की यात्रा के लिए 20 लोगों को लेकर उड़ान भरी। एक दिन में जौलीग्रांट से दो धामों की यात्रा करने का किराया एक लाख 11 हजार रुपये है, जबकि गुप्तकाशी और बदरीनाथ में दो रात्रि विश्राम करने का किराया एक लाख 30 हजार रुपये है।

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