यह सुनने में बहुत दुखद है कि रिस्पना नदी किनारे काठबंगला बस्ती में अवैध कब्जों पर कार्रवाई के दौरान एमडीडीए ने 26 मकानों को ध्वस्त कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, एक महिला की मौत हो गई और सोनम नामक 25 वर्षीय महिला की तबियत बिगड़ी। लोगों के विरोध के चलते सड़क पर जाम लग गया है। ऐसे हादसों से बचाव के लिए सुरक्षा और ज़िम्मेदारी का पूरा ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यह स्थिति वास्तव में दुखद है। लोगों को अवैध रूप से सरकारी जमीन पर आशियाने बनाने की प्रक्रिया में जाने से बचना चाहिए। उनके सपनों को खोने का दर्द असहनीय है, और ऐसे हादसों से सीख लेना चाहिए कि समाज में उचित और कानूनी तरीके से अवस्था को सुलझाना कितना महत्वपूर्ण है।
इस दौरान बस्ती छावनी में तब्दील रही। भारी पुलिस बल के चलते विभिन्न संगठनों और लोगों का विरोध कार्रवाई को नहीं रोक पाया। करीब पांच घंटे तक चली कार्रवाई के दौरान रोते-बिलखते और गुस्से का इजहार करते लोग कभी एमडीडीए तो कभी सरकार पर सवाल उठाते रहे। अधिकारी जांच के आधार पर तैयार की गई सूची का हवाला देते रहे तो लोग कार्रवाई में भेदभाव का आरोप लगाते रहे।
यह सचमुच ही दुखद है। सोनम की अचानक मौत से उनके परिवार को बड़ा झटका लगा है। उनके पति और छोटे बच्चों के लिए यह एक अत्यंत कठिन समय होगा। हमें इस दुखद घटना के बारे में सोचते हुए उनके परिवार के साथी और दुखभागियों के प्रति संवेदना और सहानुभूति जतानी चाहिए। उनकी बेटी और बेटे के लिए उनका साथ और समर्थन अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।
वीर गबर सिंह बस्ती निवासी आकाश ने बताया कि पास की काठबंगला बस्ती में मकान तोड़े जा रहे थे। साथ ही उनकी वीर गबर सिंह बस्ती में पर्चे बांटकर निशान लगाए जा रहे थे। भारी संख्या में पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। यह देखकर सोनम घबराई हुई थी।
यह वाकया बहुत दुखद है। सोनम की अचानक मौत और उसके परिवार की आवाज़ पर दुःख की बात है। आकाश के साथी के साथ उसकी असमंजस्य और चिंता का अनुभव करना समझ में आता है। डॉक्टर को बुलाना सही कदम था। उन्हें समर्थन और चिकित्सा सहायता की जरूरत थी। इस दुखद घटना से सीख लेकर हमें अपने परिवार के साथी के साथ और ध्यान और सहानुभूति से समर्थन में होना चाहिए।
आकाश ने बताया कि डॉक्टर ने सदमे के कारण हार्ट अटैक आने के कारण मौत होने की बात बताई। सोनम की मौत से आकाश की मानो दुनिया उजड़ गई है। उसका कहना है कि मेहनत मजदूरी कर परिवार को किसी तरह पाल रहे थे। अब बच्चों की देखरेख की जिम्मेदारी भी उस पर आ गई है।