उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य की तैयारियों के बारे में बताया। पुलिस अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों को अपडेट रखने के लिए सभी स्तर पर विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू किए गए।
उत्तराखंड पहली जुलाई से देश भर में लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों को पूरी तरह से तैयार है। आईपीएस अधिकारियों और केसों की जांच में शामिल पुलिस कर्मचारियों को नए कानूनों पर बाकायदा प्रशिक्षण दिया गया है। उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मंगलवार को केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक में यह जानकारी दी।
मुख्य सचिव ने कहा कि पहली जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023 और भारतीय सुरक्षा अधिनियम 2023, लागू होंगे। पुलिस अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों को इनके प्रति सभी स्तर पर प्रशिक्षण दिया गया।
केंद्रीय डिटेक्टिव ट्रेनिंग संस्थान और ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने इसके तहत 50 अधिकारियों को गाजियाबाद और जयपुर से पीटीसी, एटीसी तथा अन्य प्रशिक्षण केंद्रों से मास्टर ट्रेनर का कोर्स दिया है। मुख्य सचिव रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार और सचिव दिलीप जावलकर सहित गृह विभाग के अन्य अधिकारियों ने सभी राज्यों के साथ एक बैठक में भाग लिया।
कानूनों को सरल तरीके से पढ़ने के लिए पुस्तिका और ऑनलाइन ट्रेनिंग
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस ने नए कानूनों को आसानी से समझाने के लिए एक हस्तपुस्तिका बनाई है, जो पूरे कोर्स को चलाता है। सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को एक प्रति दी जा रही है। इसके अलावा, जिला स्तर पर भी प्रशिक्षण दिया गया है। ऑनलाइन प्रशिक्षण पुलिस विवेचना में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं करने वाले कर्मचारियों को दिया गया है। इसके लिए AI पर आधारित ऑनलाइन मॉड्यूल बनाया गया है।
एक हजार आरक्षियों और 500 मुख्य आरक्षियों को प्रशिक्षण दिया
मुख्य सचिव ने बताया कि नागरिक पुलिस और पीएसी के लगभग 1 हजार नए भर्ती आरक्षियों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है और पदोन्नति के लिए 500 मुख्य आरक्षियों को नए आपराधिक कानूनों का प्रशिक्षण दिया गया है। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने सभी आईपीएस अधिकारियों और जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को प्रशिक्षण दिया है। इसके लिए सभी पुलिस कर्मियों ने आईगोट कर्मयोगी पोर्टल पर नामांकन किया है।