कांवड़ यात्रा अब अपने चरम पर पहुंच चुकी है। लाखों यात्री कांवड़ पटरी और हाईवे से गुजर रहे हैं। इसके साथ ही, ट्रैक्टर-ट्रॉली के जरिये भी कांवड़ यात्री अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं। रात के समय हरिद्वार-दिल्ली हाईवे पर डीजे की धुन पर लाखों कांवड़ यात्री झूमते और गाते हुए रास्ता तय कर रहे हैं।
छह दिनों में 79 लाख 40 हजार शिवभक्त गंगाजल लेकर रवाना हो चुके हैं। शाम तक यह संख्या एक करोड़ पंद्रह लाख तक पहुंचने की संभावना है। शनिवार को 30 लाख यात्री गंगाजल लेकर अपने गंतव्य की ओर निकले थे। वहीं, गंगा में डूबने से एक कांवड़ यात्री की मौत हो गई है और तीन अन्य को डूबने से बचा लिया गया है।
धर्मनगरी में कांवड़ मेले के दौरान रोजाना लाखों शिवभक्त गंगाजल भरने के लिए आ रहे हैं। पहले दिन 2.40 लाख कांवड़ियों ने गंगाजल भरा, दूसरे दिन यह संख्या बढ़कर चार लाख हो गई, और तीसरे दिन छह लाख कांवड़ियों ने गंगाजल भरा।
एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि शुक्रवार की शाम छह बजे से शनिवार की शाम छह बजे तक 30 लाख कांवड़ यात्रियों ने गंगाजल भरा और अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए। जिले में 84,089 वाहनों का प्रवेश हुआ है। गंगा में डूबने की घटना में तीन श्रद्धालुओं को सुरक्षित बचा लिया गया, जबकि एक श्रद्धालु की मौत हो गई। 95 श्रद्धालु लापता हो गए थे, जिनमें से 86 को खोजकर उनके परिजनों से मिला दिया गया है।
शनिवार को भी कांवड़ यात्रा को लेकर रुड़की शहर में काफी भीड़ रही। पुलिस ने कांवड़ियों की सुविधा और सुरक्षा को देखते हुए चंद्रशेखर चौक से नगर निगम पुल तक पटरी वाले मार्ग को पूर्ण रूप से बंद कर दिया है। अब लोगों को सिविल लाइंस से गंगनहर जाने के लिए नगर निगम पुल और हाईवे से होते हुए जाना पड़ रहा है।
हालांकि नगर निगम चौक के पास वाहनों को पार करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, जिससे जाम की समस्या उत्पन्न हो गई है, लेकिन इससे कुछ सुविधाएं भी मिल रही हैं। देर रात तक कांवड़ यात्रियों का लगातार आना-जाना जारी है और अब लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली का भी उपयोग करने लगे हैं, जिससे हाईवे पर वाहनों की संख्या बढ़ गई है।