मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी के आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने राजकीय इंटर कॉलेज विनयखाल में आपदा शिविर में रह रहे लोगों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। इस दौरान कई पीड़ित भावुक हो गए, विशेषकर बुजुर्ग महिलाओं की आंखों में आंसू देखे गए।
उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण जन-जीवन प्रभावित हो गया है और भूस्खलन की घटनाओं में वृद्धि हुई है। शनिवार को टिहरी के तिनगढ़ गांव में एक बार फिर भूस्खलन हुआ, जिसमें 15 आवासीय मकान मलबे में दब गए। हालांकि, प्रशासन ने सुबह ही इन घरों को खाली करा लिया था, जिससे किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। प्रभावित ग्रामीणों को विनयखाल इंटर कॉलेज में शिफ्ट किया गया है।
टिहरी के भिलंगना ब्लॉक के तोली गांव में भूस्खलन के कारण एक मकान के अंदर मां और बेटी फंस गईं, जिससे उनकी मौत हो गई। परिवार के बाकी सदस्य देर रात किसी तरह मकान से बाहर निकलकर जान बचाने में सफल रहे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज प्रभावितों से मुलाकात की और आश्वस्त किया कि सरकार पीड़ितों के साथ है।
भिलंगना ब्लॉक के आपदा प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए सोमवार को गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय भी पहुंचे। उन्होंने प्रभावितों को सभी संभावित सहायता का आश्वासन दिया और जीआईसी विनयखाल में स्थापित राहत शिविर में रह रहे लोगों के लिए आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
कमिश्रर ने कहा कि आपदा प्रभावित तिनगढ़ गांव का विस्थापन सुरक्षित जगह पर किया जाएगा। जबकि खतरे की जद में आए जखाणा और तोली गांव का शीघ्र ही भूगर्भीय सर्वेक्षण कराया जाएगा ।
रिपोर्ट के आधार पर गांवों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने पुनर्वास और अन्य राहत कार्यों के लिए गठित की जाने वाली समिति में स्थानीय लोगों को भी शामिल करने का निर्देश दिया है।
गढ़वाल कमिश्नर ने कहा कि आपदा पीड़ितों के जीवन को सामान्य करने के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि आपदा प्रभावित क्षेत्र की समस्याओं के समाधान में धन की कमी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन सचिव को निर्देश दिए हैं कि टिहरी जिला प्रशासन द्वारा प्रस्तावित पुनर्वास और राहत कार्यों के लिए आवश्यक बजट जल्द जारी किया जाए।