जौनसार-बावर और पछवादून क्षेत्र में भूस्खलन के कारण 21 सड़कें बंद हो गई हैं। पहाड़ी से गिरने वाले मलबे की वजह से लोक निर्माण विभाग के साहिया क्षेत्र की पांच, पीएमजीएसवाई कालसी की दो, लोक निर्माण विभाग चकराता की आठ और लोक निर्माण विभाग अस्थाई निर्माण खंड देहरादून की तीन सड़कें प्रभावित हुई हैं। इससे करीब 70 गांवों और उनकी बसावटों के निवासियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
सड़कें बंद होने के कारण किसानों की फसलें मंडी तक नहीं पहुंच सकीं। नौकरीपेशा लोगों को दफ्तर जाने में मुश्किलें आईं, और बीमारों को अस्पताल ले जाने में भी कठिनाई हुई। पर्यटन उद्योग पर भी बुरा असर पड़ा है। लोक निर्माण विभाग के साहिया क्षेत्र की अधिशासी अभियंता रचना थपलियाल, चकराता के अधिशासी अभियंता एलके गोयल और पीएमजीएसवाई कालसी के रोहित श्रीवास्तव ने बताया कि मार्गों पर मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं।
खतरे के निशान के नजदीक पहुंची टोंस नदी
विकासनगर: बारिश के कारण नदियों में सिल्ट की मात्रा बढ़ रही है। डाकपत्थर बैराज में यमुना का जलस्तर 454.60 मीटर तक पहुंच गया है, जबकि चेतावनी और खतरे का स्तर क्रमश: 455.37 मीटर है। इच्छाड़ी डैम में टोंस नदी का जलस्तर 644.55 मीटर तक पहुंच गया है। चेतावनी स्तर पार होने के कारण बांध का पानी धीरे-धीरे छोड़ा जा रहा है। टोंस नदी का चेतावनी स्तर 643.60 मीटर और खतरे का स्तर 644.75 मीटर है।