उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा को लेकर कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बिना रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस वाली दुकानें बंद की जाएंगी। नियमों का उल्लंघन करने पर अधिकतम दो लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को साफ-सुथरा और सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। यात्रा मार्ग में स्थित सभी खाद्य दुकानों को दुकानदार का नाम, लाइसेंस और पहचान पत्र स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। नियमों का उल्लंघन करने पर दो लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
स्वास्थ्य सचिव और एफडीए आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी और उत्तरकाशी जिलों में मिलावटी खाद्य सामग्री पर रोक लगाने के लिए अभियान चलाने और खाद्य कारोबारियों को सख्त निर्देश देने के आदेश दिए हैं।
सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई कर दो लाख तक का जुर्माना लगेगा
कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी खाद्य कारोबारियों को अपने लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाणपत्र को दुकान में अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करना होगा। छोटे व्यापारियों और ठेले-फड़ लगाने वालों को भी फोटो पहचान पत्र और पंजीकरण प्रमाणपत्र लगाना जरूरी होगा। नियमों का पालन न करने पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए दो लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
स्वास्थ्य सचिव और एफडीए आयुक्त ने स्पष्ट किया कि यात्रा के दौरान पंडालों, भंडारों और दुकानों में परोसे जा रहे भोजन की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। वहीं, अपर आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ताजबर सिंह जग्गी ने चेतावनी दी कि बिना लाइसेंस खाद्य व्यवसाय करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जागरूकता और शिकायत व्यवस्था
आईईसी (सूचना, शिक्षा एवं संचार) माध्यमों से जनता और संचालकों को शुद्ध भोजन की पहचान, खाद्य नियमों और उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके लिए बैनर, पोस्टर, पर्चे और सोशल मीडिया का उपयोग किया जा रहा है। सरकार की ओर से जारी टोल फ्री नंबर–18001804246 पर कोई भी व्यक्ति खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को लेकर शिकायत दर्ज कर सकता है। शिकायत पर प्रशा