“टाटा मैजिक वाहनों को नगर बसों की श्रेणी में रखकर टैक्स माफ, संयुक्त परिवहन आयुक्त के आदेश पर विवाद”

उत्तराखंड सोशल मीडिया वायरल

संयुक्त परिवहन आयुक्त एवं आरटीओ (प्रशासन) देहरादून द्वारा शासन के आदेश की गलत व्याख्या कर टाटा मैजिक वाहनों को नगर बस वाहनों की श्रेणी में रखकर (सिटी बसों)की तरह टैक्स को माफ किया गया है जबकि शासन की अधिसूचना में स्पष्ट है की नगर निकाय/ नगर निगम /नगर पालिका परिषद /नगर पंचायत) की सीमा के भीतर अनन्य (एकमात्र) रूप से नगर बस सेवा के रूप में संचालित मंजिली गाड़ियों को सारणी के मोटर वाहन कर(टैक्स) से पूर्णता छूट होगी लेकिन परिवहन अधिकारियों द्वारा 10 सीटर टाटा मैजिक 4 पहिये छोटी गाड़ी को मिनी बस, ओमनी बस बनाकर नगर बसों की श्रेणी में रखकर स्टेज कैरिज का परमिट दिया गया है जैसे की नगर बस (सिटी बसों) को स्टेज कैरिज का परमिट दिया जाता है।
लेकिन इन छोटी टाटा मैजिक गाड़ी में सिटी बसों की तरह , ना तो ड्राइवर का केबिन है, ना ही कंडक्टर है, ना ही कंडक्टर के बैठने के लिए या खड़े होकर टिकट काटने के लिए कोई स्थान है, ना ही कोई इमरजेंसी दरवाजा है ,ना ही सिटी बस की तरह 6 फिट ऊँचे और 2 फिट चौड़े दरवाजे है, ना ही कोई गैंगवे (जो दो सीटों के बीच स्पष्ट भाग) है, ना ही ड्राइवर की तरफ सभी सीटों की सीध (मुँह) है और साथ- साथ अन्य कई खामियां हैं लेकिन फिर भी इन अधिकारियों द्वारा टाटा मैजिक को मिनी बस,(ओमनी बस ) कहकर सिटी बस की श्रेणी में रखा गया है।
जबकि नगर बस सेवा का संचालन एक मॉडल कार्ययोजना योजना के अंतर्गत 1997 में देहरादून शहर में शुरू किया गया था और उसमें मिनी बस 24 सीटर, 35 सीटर और 54 सीटर बसों को चलाने का प्रावधान रखा गया इसमें रंग रोगन,बनावट,डिजाइन का भी प्रावधान रखा गया लेकिन परिवहन अधिकारियों द्वारा नगर बस सेवा के प्रारूप को समाप्त कर अपनी ही एक नई छोटी गाड़ी टाटा मैजिक को नगर बस सेवा के रूप में चलाने की रूपरेखा तैयार कर संचालन की अनुमति दे देकर संचालन भी करा दिया गया है। इस तरह का यह नियम विरुद्ध कार्य भ्रष्टाचार का घोतक है हमारे द्वारा आदरणीय मुख्यमंत्री जी को साक्ष्यों के साथ पत्र लिखकर इन अधिकारियों के खिलाफ सक्षम ऐजेंसी से जांच की मांग की गई है।

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