इस साल भी, पिछले साल की तरह, सरकार ने चार धामों में हर दिन दर्शन करने वाले लोगों की संख्या निर्धारित की है। अब इससे विरोध शुरू हो गया है।
राज्य सरकार द्वारा चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित करने का चारधाम होटल एसोसिएशन ने कड़ा विरोध किया है। रविवार को प्रेसवार्ता करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पुरी ने कहा कि सरकार ने इस बार भी पिछले साल की तरह चारधाम, यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ के दर्शन करने वाले लोगों की संख्या सीमित करने का फैसला किया है। जिससे चारधाम यात्रा से जुड़े पर्यटन व्यवसायी निराश हैं। एक ओर, सरकार होटलों और होमस्टेों को खुलने के लिए प्रेरित कर रही है।
दूसरी ओर, अपनी कमियों को छिपाने के लिए ऐसे नियम लगाए जा रहे हैं। उत्तरकाशी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था पर्यटन और तीर्थाटन पर निर्भर है, लेकिन इस फरमान से पर्यटन व्यवसायी सरकार से नाराज हैं। उन्हें इस फैसले के खिलाफ सड़क से लेकर न्यायालय तक लड़ने की चेतावनी दी गई। वहीं, निर्णय को वापस लेने पर होटल को बंद करने की चेतावनी दी गई।
इस बार सरकार ने चारधामों में तीर्थयात्रियों के दैनिक दर्शन को सीमित करते हुए यमुनोत्री के लिए 10,000, गंगोत्री के लिए 11,000, केदारनाथ के लिए 18,000 और बदरीनाथ के लिए 20,000 कर दिया है।