टिहरी लोकसभा सीट पर लंबे समय बाद किसी निर्दलीय को मिलने वाले वोटों का आंकड़ा डेढ़ लाख पार गया। बॉबी पंवार ने कांग्रेस के गुनसोला को कई बार छोड़ दिया। बॉबी पंवार ने इस चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया।
बॉबी चुनाव नतीजे, युवा आंदोलन से राजनीति में आने के बाद बड़े ‘पर्दे’ पर आ गए। बॉबी ने जिन युवा लोगों के साथ चुनाव लड़ा, उनके लिए वह तीसरे स्थान पर रहकर भी जीत गया। परिणामों की “फिल्म” चली, तो बॉबी का काम देखने लायक था। शुरुआत में, बॉबी ने कांग्रेस के गुनसोला को कभी नहीं देखा।
जौनसार के बूथों की गिनती में बॉबी के पक्ष में वोटों की बारिश हुई। हालाँकि, जब शहर के बूथों को गिना गया, बॉबी दोनों छत्रपों की छांव में चमकने लगे। इसके बावजूद, बॉबी ने उम्मीद से अधिक डेढ़ लाख से अधिक वोट पाए। परिणामों के बाद जनता ने जौनसार को एक नया सितारा दिया।
जौनसार का बड़ा सितारा बनकर उभरे
बता दें कि बॉबी पंवार बेरोजगार युवाओं के हक हकूक के लिए लड़ते हुए लाइम लाइट में आए थे। दो साल पहले परीक्षाओं में धांधली के जो मामले आए, उनमें बॉबी पंवार ने युवाओं के हक की पुरजोर लड़ाई लड़ी। बॉबी पंवार की अगुवाई में कई आंदोलन हुए जिनके कारण सरकार को भी कई बड़े फैसले लेने पड़े। युवाओं ने नए नकल विरोधी कानून लाने की मांग की। पिछले साल मार्च में हुए घंटाघर पर बड़े आंदोलन के बाद पंवार पर गंभीर धाराओं में मुकदमे भी हुए, लेकिन युवाओं ने उनका साथ नहीं छोड़ा।
शुरुआत में चर्चा हुई कि कांग्रेस बॉबी को अपना प्रतिनिधित्व दे सकती है, लेकिन कांग्रेस ने जोतसिंह गुनसोला को चुना। गुनसोला की जौनसार और उसके आसपास के लोगों में इतनी लोकप्रियता नहीं थी। बॉबी पंवार, जो इसी क्षेत्र से था, इससे लाभ उठाया। बॉबी पंवार, भाजपा प्रत्याशी के बाद कई राउंड में दूसरे स्थान पर रहे, लेकिन शहर क्षेत्र के मतदाताओं का साथ नहीं मिला। बाद में बॉबी को बहुत से वोट मिले। बॉबी को परिणाम में तीसरे स्थान पर रखा गया, लेकिन उनके लिए मिले मतों का आंकड़ा एक लोकप्रिय नेता के जैसा था
युवाओं को पहले बना चुके थे वोट बैंक
रोजगार की चाह रखने वाले युवाओं का एक वोट बैंक बॉबी पहले ही बना चुके थे। देर थी बस चुनाव मैदान में उतरने की। इसके लिए उन्होंने लोकसभा चुनाव को चुना। शुरुआत से ही जौनसार को उनका गढ़ माना जा रहा था। युवाओं को साथ लेकर लड़े गए इस चुनाव के जब परिणाम आए तो हुआ भी यही। शुरुआती रुझानों में ही बॉबी पंवार ने कांग्रेस को पछाड़ना शुरू कर दिया। इसके बाद तीसरे राउंड में गुनसोला उनसे आगे निकल गए।