डीडीहाट की आठ ग्राम पंचायतों में उत्पादित चाय कोलकाता में काफी लोकप्रिय

उत्तराखंड नैनीताल

डीडीहाट की आठ ग्राम पंचायतों में उत्पादित चाय कोलकाता में काफी लोकप्रिय हो रही है। 800 से 1000 रुपये प्रति किलो की इस चाय की खुशबू कोलकाता के लोगों को बहुत पसंद आ रही है। इससे डीडीहाट के किसानों को स्वरोजगार के अवसर मिल रहे हैं और उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है।

डीडीहाट के आठ ग्राम पंचायतों में उत्पादित चाय कोलकाता वासियों के बीच बहुत पसंद की जा रही है। 800 से 1000 रुपये प्रति किलो तक की इस चाय की महक कोलकातावासी लोगों को खूब पसंद आ रही है। इससे डीडीहाट के किसानों को स्वरोजगार के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है। इसी के बावजूद, टी बोर्ड अब विकासखंड के अन्य गांवों के लोगों को भी चाय उत्पादन में जोड़ने के लिए मुहिम में जुट गया है।

उत्तराखंड टी बोर्ड और मनरेगा के सहयोग से ननपापू, भैस्यूड़ी, लेपार्थी, खीरी, ससखेत, भड़गांव सहित आठ ग्राम पंचायतों में पांच साल पहले 57 हेक्टेयर पर चाय की खेती शुरू की गई थी। अब इन गांवों में ग्रामीणों द्वारा सहायता से चाय के बागान विकसित हो गए हैं। ब्लाक प्रमुख बबीता चुफाल ने बताया कि चाय बागान लगाने से ग्रामीणों की आय में वृद्धि हो रही है, और वे कुछ समय बाद अपनी चाय को स्वयं बेच सकेंगे। डीडीहाट में उत्पादित चाय कोलकाता में 800 से एक हजार रुपये प्रति किलो में बिक रही है।

उत्तराखंड टी बोर्ड की डीडीहाट इकाई के प्रबंधक केशर सिंह गंगोला ने बताया कि डीडीहाट की चाय आर्थोपैक्स टी वैरायटी की है। इसकी मांग कोलकाता में सबसे अधिक है। चाय को बेचने के लिए कोलकाता भेजी जा रही है, जिससे टी बोर्ड को भी मुनाफा हो रहा है।

विकासखंड के आठ ग्राम पंचायतों में चाय के बागान तैयार करने के बाद अब टी-बोर्ड डीडीहाट के छनपट्टा तोक सहित कई अन्य स्थानों पर मिट्टी के सैंपल ले रहा है। मृदा रिपोर्ट आने के बाद यहां भी चाय का उत्पादन शुरू हो जाएगा।

– केशर सिंह गंगोला, प्रबंधक, डीडीहाट इकाई, टी बोर्ड उत्तराखंड

Social Media Share