अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में निकाय चुनाव, 15 सितंबर तक पूरी होंगी सभी तैयारियां

उत्तराखंड देहरादून/मसूरी

उत्तराखंड के निकाय चुनाव अक्तूबर के आखिरी हफ्ते में होने की संभावना है। सरकार 15 सितंबर तक सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र भेजने की योजना बना रही है, ताकि चुनाव की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से शुरू किया जा सके। इस चुनाव में राज्य के विभिन्न नगर निकायों में प्रतिनिधियों का चयन किया जाएगा।

उत्तराखंड में नगर निकायों के चुनाव अक्तूबर के आखिरी सप्ताह में होने की संभावना है। सरकार ने इस टाइमलाइन के साथ चुनाव की तैयारियों को तेज कर दिया है। इसमें ओबीसी आरक्षण से लेकर निकायों के परिसीमन जैसी सभी आवश्यक तैयारियां शामिल हैं, जिन्हें 15 सितंबर से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग को औपचारिक पत्र भेजा जाएगा, जिससे चुनाव की औपचारिक शुरुआत की जा सके।

उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव की तैयारियों के तहत, सरकार सभी आवश्यक प्रक्रियाओं को 15 सितंबर तक पूरा करके राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र भेजने की योजना बना रही है। इसके साथ ही, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ को नगर निगम बनाने की प्रक्रिया भी तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है। प्रदेश में नगर निगम, नगर पालिका, और नगर पंचायतों का कार्यकाल पिछले साल दो दिसंबर को समाप्त हो गया था, जिसके बाद से इन निकायों को छह महीने यानी दो जून तक प्रशासकों के हवाले कर दिया गया था। चुनाव के लिए अब नई तैयारियां की जा रही हैं, ताकि समय पर प्रक्रिया को पूरा किया जा सके।

चुनाव न होने की स्थिति में उत्तराखंड सरकार ने निकायों की अवधि को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया था। इस बीच, हाईकोर्ट के आदेशों के बाद सरकार ने अंतिम टाइमलाइन तय कर ली है, जिसके अनुसार राज्य में अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में निकाय चुनाव कराए जाएंगे। चुनाव से पहले 15 सितंबर तक ओबीसी आरक्षण लागू करने और इससे संबंधित नियमावली को अंतिम रूप देने का काम पूरा किया जाएगा, ताकि चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से आगे बढ़ सके।

निकाय चुनाव की तैयारी के तहत परिसीमन और वोटर लिस्ट का काम भी 15 सितंबर तक पूरा करने की समय सीमा निर्धारित की गई है। सचिव शहरी विकास, नितेश झा ने जानकारी दी कि निर्धारित समय सीमा के भीतर चुनाव कराने के लिए सभी तैयारियां तेजी से की जा रही हैं। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि सभी आवश्यक प्रक्रियाएं और व्यवस्थाएं समय पर पूरी हों, ताकि अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में नगर निकाय चुनाव सफलतापूर्वक आयोजित किए जा सकें।

दिवाली से पहले मनेगी नेताओं की दीपावली

29 अक्तूबर को दिवाली के पर्व से पहले ही उत्तराखंड के नगर निकायों में नेताओं की दिवाली मनने वाली है। सरकार ने यह निर्णय लिया है कि दिवाली से पहले ही सभी निकायों में नए बोर्ड का गठन कर दिया जाएगा। इस योजना के तहत निकाय चुनाव अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में आयोजित किए जाएंगे, ताकि समय रहते चुनाव प्रक्रिया पूरी हो सके और नए प्रतिनिधि अपने पदों पर आसीन हो सकें।

दून नगर निगम का परिसीमन 15 दिन के भीतर

शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए कि नगर निगम देहरादून के 54 वार्डों का परिसीमन 15 दिन के भीतर सुधार कर शासन को भेजा जाए। इस समय सीमा में ओबीसी आरक्षण व वोटर लिस्ट का काम भी पूरा करना है, ताकि निकाय चुनाव में कोई अड़चन पेश न आए।

दो नए नगर निगम बनाने की तैयारी

उत्तराखंड में अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ की नगर पालिकाओं को नगर निगम का दर्जा देने की प्रक्रिया तेज हो गई है। शासन स्तर से जिलाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा जा चुका है, जिसमें उनसे इन निकायों के सीमांकन से संबंधित पूरा प्रस्ताव भेजने का अनुरोध किया गया है। माना जा रहा है कि चुनाव से पहले ही इन नगर पालिकाओं को नगर निगम का दर्जा मिल सकता है।

इसके साथ ही, रामनगर और कर्णप्रयाग की नगर पालिकाओं के परिसीमन में भी कुछ बदलाव किए जाएंगे, जिसमें कुछ क्षेत्रों को जोड़ा या हटाया जा सकता है।

यदि अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ को नगर निगम का दर्जा मिल जाता है, तो राज्य में नगर निगमों की संख्या बढ़कर 11 हो जाएगी। वर्तमान में देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार, श्रीनगर, हल्द्वानी, काशीपुर, और रुद्रपुर नगर निगम के रूप में स्थापित हैं। साथ ही, राज्य में नगर पालिकाओं की संख्या 41 और नगर पंचायतों की संख्या 50 होगी।

कैबिनेट में आएगी ओबीसी आरक्षण नियमावली

हाल ही में सरकार ने ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए एक्ट में संशोधन को मंजूरी दी थी। अब इस संशोधन को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए नियमावली तैयार की जा रही है। यह नियमावली आगामी कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत की जाएगी, ताकि समय सीमा के भीतर ओबीसी आरक्षण लागू किया जा सके। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि निकाय चुनावों से पहले आरक्षण से संबंधित सभी प्रक्रियाएं पूरी हो जाएं, जिससे चुनाव सुचारू रूप से संपन्न हो सकें।

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