सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उपनल पूर्व सैनिकों के साथ-साथ वीर नारियों और उनके परिवारों को भी रोजगार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम अब उपनल कर्मचारियों की मृत्यु पर उनके परिवार को 1.5 लाख रुपये की सहायता देगा। इसके अलावा, प्रत्येक जिले के एक गांव में सैनिक कल्याण से जुड़े विकास कार्य किए जाएंगे। उपनल के 21वें स्थापना दिवस के मौके पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि उपनल की आय का 50 प्रतिशत वेलफेयर फंड में दिया जाएगा। साथ ही, माणा आपदा को ध्यान में रखते हुए उपनल एक करोड़ रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में देगा।
दून सैनिक इंस्टीट्यूट में हुए समारोह में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए बनाए गए उपनल ने न केवल पूर्व सैनिकों बल्कि वीर नारियों और उनके परिवारों को भी रोजगार देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आमतौर पर सैनिक 35 से 40 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाते हैं, और इस समय उनके ऊपर परिवार की जिम्मेदारियां होती हैं। ऐसे में उपनल उन्हें और उनके परिवारों को रोजगार दिलाने में अहम भूमिका निभा रहा है।
जोशी ने कहा कि सरकार ने उपनल के मुख्यालय के लिए मुफ्त भूमि देने की मंजूरी दे दी है, और अगले एक साल में इसका निर्माण पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि अब तक उपनल के जरिए करीब 24,746 लोगों को रोजगार मिला है। पिछले एक साल में 2,500 पूर्व सैनिकों को विभिन्न राज्यों में नियुक्त किया गया है, और इतनी ही संख्या में अन्य पूर्व सैनिकों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। इससे उपनल को हर साल लगभग 40 करोड़ रुपये का सर्विस चार्ज मिलने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो संदेश के जरिए स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जल्द ही उपनल के माध्यम से विदेशों में भी नौकरियों के अवसर मिलेंगे। समारोह में सैनिक कल्याण सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, उपनल के चेयरमैन मेजर जनरल सम्मी सभरवाल (सेनि), प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर जे.एन.एस. बिष्ट, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर अमृत लाल और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
इनका हुआ सम्मान
समारोह में उपनल के उत्कृष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों को सम्मानित किया गया। सम्मान पाने वालों में डीजीएम मेजर हिमांशु रौतेला (सेनि), सूबेदार मेजर राजेंद्र प्रसाद, हवलदार सुभाष चंद्र जख्मोला, हवलदार बाबूराम क्षेत्री, नायक सतेश्वर प्रसाद सती, संजय रावत, प्रियंका नेगी, नायक जीत पाल सिंह और सूबेदार दीपक सिंह नेगी शामिल रहे।