नैनीताल: बच्चों को नशे से बचाने के लिए ठोस कदम उठाएं, हाईकोर्ट ने पुलिस से एक हफ्ते में मांगे सुझाव

उत्तराखंड

नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य में नशे पर रोक लगाने के लिए देहरादून, हरिद्वार, बरेली, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल के एसएसपी को एक हफ्ते के भीतर अपने सुझाव देने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी, जो अब से 15 दिन बाद है।

नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य में नशे पर रोक लगाने के लिए देहरादून, हरिद्वार, बरेली, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल के एसएसपी को एक हफ्ते के अंदर अपने सुझाव देने के आदेश दिए हैं। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर देवानंद को विशेष अभियान चलाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। पुलिस को स्कूलों के बाहर एक हफ्ते में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी, यानी 15 दिन बाद।

यह आदेश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की बेंच ने मारूफ अली बाबर द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ दायर याचिका पर दिया। सुनवाई के दौरान छह जिलों के एसएसपी और एनसीबी के जोनल निदेशक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में उपस्थित हुए। अधिकारियों ने कोर्ट में नशे के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश की, जिसे कोर्ट ने सराहा। साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया कि स्कूलों के बाहर दो पुलिसकर्मी सादी वर्दी में तैनात किए जाएं। इसके अलावा, सरकारी वकील को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि नशा जांच के लिए सभी थानों में तुरंत टेस्टिंग किट उपलब्ध कराई जाए।

कोर्ट ने एनसीबी के निदेशक से कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नशे के खिलाफ जो कदम उठाए जा रहे हैं, उसकी जानकारी सभी पुलिस थानों तक पहुंचाई जाए। साथ ही, हर तीन महीने में पुलिस के साथ मिलकर नशा मुक्ति को लेकर कार्यशालाएं आयोजित की जाएं।

कोर्ट ने जताई चिंता

न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल ने राज्य में बढ़ते नशे पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि नशा युवाओं को तबाह कर रहा है। अगर सभी मिलकर प्रयास करें, तो इस अवैध कारोबार को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नशा तस्करी की शुरुआत स्कूलों से हो रही है, जहां से बच्चों को नशे का पैडलर बना दिया जाता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस यह सुनिश्चित करे कि जो छात्र जेल से रिहा हो रहे हैं, वे बाहर आकर नशा तस्करी में न लगें।

 

 

 

 

 

Social Media Share