उत्तराखंड: हनुमान जयंती पर निकली भव्य शोभायात्रा, हुए धार्मिक अनुष्ठान और बजरंग बाण का पाठ

उत्तराखंड

हनुमान जयंती पर शहर के मंदिरों को सुंदर तरीके से सजाया गया। दोपहर में शिवाजी धर्मशाला से श्री बालाजी महाराज की एक भव्य शोभायात्रा निकली। इसमें मथुरा-वृंदावन की झांकी समेत कई झांकियों ने लोगों का ध्यान खींचा।

राजधानी सहित प्रदेश के कई इलाकों में आज हनुमान जन्मोत्सव बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। पूरे शहर में “कीजो केसरी के लाल”, “मेरा छोटा सा यह काम”, “तुम रक्षक काहो का डरना” जैसे भक्तिमय भजन गूंजते रहे। जगह-जगह भव्य शोभायात्राएं निकाली जा रही हैं और मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान हो रहे हैं।

शनिवार को हनुमान जयंती के अवसर पर शहर के सभी प्रमुख मंदिरों को सुंदर और भव्य रूप से सजाया गया। दोपहर में शिवाजी धर्मशाला से श्री बालाजी महाराज की शोभायात्रा निकली। इस यात्रा में मथुरा-वृंदावन की झांकी सहित कई आकर्षक झांकियां लोगों का ध्यान खींचती रहीं।

शिव बारात की झांकी में 150 कलाकारों ने भाग लिया। चुक्खुवाला स्थित शिव राम मंदिर में हनुमानजी की मूर्ति स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाया गया। समिति के अध्यक्ष अरुण शाह ने बताया कि कलश यात्रा के साथ रामायण पाठ का समापन हुआ। इसके बाद भंडारा आयोजित कर भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया।

आचार्य डॉ. सुशांत राज ने बताया कि हनुमान जयंती, जो चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है, इस बार 12 अप्रैल को सुबह 3:21 बजे शुरू होगी और 13 अप्रैल को सुबह 5:51 बजे समाप्त होगी।

हनुमान जयंती के दिन अगर सच्चे दिल से श्रीराम और हनुमानजी का स्मरण किया जाए तो जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। हनुमानजी शक्ति, भक्ति और अटूट आस्था के प्रतीक माने जाते हैं।

इस दिन हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करना विशेष लाभकारी माना जाता है। संध्या के समय दक्षिण मुखी हनुमान जी के सामने मंत्र जाप करने का काफी महत्व है।

 

 

 

 

 

 

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