उत्तराखंड में बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कसी कमर, 71% मतदान पर्टी के पक्ष में करवाने के लिए कैंपेन

उत्तराखंड राजनीति

Uttarakhand Lok Sabha elections “2024 में भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियों को तेज किया है। बीजेपी ने राज्य में 71% मतदान पर्टी के पक्ष में करवाने के लिए कैंपेन को गतिमान किया है और तमाम कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों तक पहुंचने का प्रयास किया है।”

उत्तराखंड में बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कसी कमर

“आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल तैयारी में जुटे हैं। हालांकि भारतीय जनता पार्टी की तैयारी बाकी दलों की तैयारी से काफी बड़ी और चुनौतीपूर्ण लग रही है। यह इसलिए है क्योंकि पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर 51% मत पाने का लक्ष्य रखा है, जबकि उत्तराखंड भाजपा ने राज्य में 71% मतदान पार्टी के पक्ष में प्राप्त करने के लिए कार्यक्रम को तेज किया है।”

“2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party for Lok Sabha elections) बड़े उत्साह से तैयार है, इससे पार्टी के नेता ने राज्य में 71% मतदान पार्टी प्रत्याशियों के हक में करवाने का लक्ष्य तय किया है। हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर भी पार्टी ने 51% वोट पाने का लक्ष्य रखा है। इसमें एक विशेष वजह यह भी है कि 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में पांचों लोकसभा सीटों को जीता था और 2019 में भी और ज्यादा मत प्राप्त करके सभी सीटों को विजयी बनाया था।”

“इसलिए, 2024 में पार्टी के नेता दावा कर रहे हैं कि वे अपने पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही, पार्टी ने राज्य में 71% मत प्राप्त करने का कठिन लक्ष्य भी तय किया है। लोकसभा चुनाव के आगामी आयोजन को देखते हुए पार्टी ने तमाम राजनीतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने का फैसला किया है, जिसमें पदाधिकारी की प्रमाणिकता की जांच शामिल है। इसमें बूथ स्तर के पदाधिकारियों से लेकर पन्ना प्रमुखों की भी प्रमाणित करवाई जा रही है।”

“यह कोशिश भारतीय जनता पार्टी के द्वारा केवल उत्तराखंड के स्तर पर ही नहीं की जा रही है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी पार्टी संगठन के सरल ऐप के माध्यम से पन्ना प्रमुख और बूथ समितियों की सही स्थिति की जांच करने की कोशिश की जा रही है। इसके तहत राष्ट्रीय स्तर पर इन पदाधिकारियों और प्रमुखों को ओटीपी के माध्यम से सत्यापित किया जाएगा, ताकि संगठन स्तर पर बूथ समितियों और पन्ना (Booth committees and Panna at the organization level) प्रमुखों के साथ की गई कसरत सही हो। इसके अलावा, इन पदाधिकारियों को फिर से सक्रिय करने की संभावना है।”

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